जब जीवन की राहें धुंधली लगें — निर्देशहीनता में भी एक संदेश है
साधक,
जब जीवन के परिवर्तन हमें दिशाहीन और असमंजस में डाल देते हैं, तब यह अनुभव अत्यंत सामान्य है। यह केवल तुम्हारा अकेला संघर्ष नहीं है, बल्कि जीवन की एक गहन प्रक्रिया है, जो तुम्हें अपने अंदर गहराई से मिलने का अवसर देती है। निर्देशहीनता का आध्यात्मिक अर्थ यही है — एक नयी शुरुआत, स्वयं की खोज और आंतरिक जागृति की दहलीज पर खड़ा होना।