फिर से उठो: जब सब कुछ निरर्थक लगे तब भी जीवन में अर्थ खोजो
साधक, जब मन के अंधकार में ऐसा लगे कि सब कुछ व्यर्थ है, तो समझो कि यह भी एक क्षणिक छाया है जो गुजर जाएगी। तुम अकेले नहीं हो, हर मनुष्य के जीवन में ऐसे समय आते हैं जब सब कुछ निरर्थक सा लगता है। पर यही वह पल है जब भीतर की अग्नि को फिर से जलाना होता है।