नया रास्ता चुनना: जब नौकरी लगे बोझिल और बेकार
प्रिय शिष्य,
तुम्हारे मन में जो सवाल है — क्या उस नौकरी को छोड़ना ठीक है जो अब तुम्हें बेकार लगती है — यह बहुत मानवीय और गहरा प्रश्न है। जीवन में कई बार हम ऐसे मोड़ पर आते हैं जहाँ हमें अपने अस्तित्व, अपने उद्देश्य और अपनी खुशी पर पुनर्विचार करना पड़ता है। यह उलझन तुम्हारे भीतर की आवाज़ है जो तुम्हें सच की ओर ले जाना चाहती है। आइए, भगवद गीता के शाश्वत ज्ञान से इस राह को समझें।