सफलता की राह में अलगाव का सार: व्यवसाय में लगाव और संतुलन
साधक, जब हम अपने सपनों को साकार करने के लिए व्यवसाय या स्टार्टअप की राह पर कदम बढ़ाते हैं, तो मन में अनेक भावनाएँ उठती हैं — उत्साह, चिंता, उम्मीद, और कभी-कभी भय भी। यह स्वाभाविक है कि हम अपने कार्य से जुड़ाव महसूस करें, परंतु यदि यह जुड़ाव अत्यधिक हो जाए तो वह हमें मानसिक अशांति और असफलता की ओर ले जा सकता है। आइए, भगवद्गीता के अमृत शब्दों से समझते हैं कि कैसे हम इस “अलगाव” की कला सीख सकते हैं।