जीवन के अनंत प्रवाह में: आत्मा का अमरत्व समझना
साधक, जब जीवन के अंत की ओर कदम बढ़ते हैं, और मन में मृत्यु के भय और अनिश्चितता की छाया घिरती है, तब यह समझना अत्यंत आवश्यक हो जाता है कि हमारा असली स्वरूप क्या है। आत्मा, जो हमारा सच्चा अस्तित्व है, वह न तो जन्म लेती है, न मरती है। आइए, भगवद गीता के दिव्य शब्दों से इस सत्य को समझें और अपने मन को शांति प्रदान करें।