जीवन यात्रा: एक अनंत सफर की ओर कदम
प्रिय आत्मा, जब तुम जीवन की यात्रा के बारे में सोचते हो, तो कभी-कभी राह धुंधली लगती है, उद्देश्य अस्पष्ट होता है और पहचान की खोज में मन उलझ जाता है। जान लो, तुम अकेले नहीं हो। हर मानव इस यात्रा में कभी न कभी भ्रमित होता है। भगवद गीता, जो ज्ञान का अमृत है, तुम्हें इस सफर में प्रकाश देने के लिए सदैव उपस्थित है।