निर्णय के मोड़ पर: जब मन उलझा हो, गीता का सहारा
साधक, जीवन के पथ पर फैसले लेना अक्सर कठिन होता है। कभी-कभी मन में संशय, भय और उलझन घेर लेती है। ऐसे समय में गीता हमें सहज, स्पष्ट और संतुलित निर्णय लेने का मार्ग दिखाती है। याद रखो, तुम अकेले नहीं हो, हर मनुष्य के जीवन में निर्णय की घड़ी आती है — और गीता की शिक्षाएं तुम्हारे लिए प्रकाश की तरह हैं।