intuition

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

निर्णय के मोड़ पर: जब मन उलझा हो, गीता का सहारा
साधक, जीवन के पथ पर फैसले लेना अक्सर कठिन होता है। कभी-कभी मन में संशय, भय और उलझन घेर लेती है। ऐसे समय में गीता हमें सहज, स्पष्ट और संतुलित निर्णय लेने का मार्ग दिखाती है। याद रखो, तुम अकेले नहीं हो, हर मनुष्य के जीवन में निर्णय की घड़ी आती है — और गीता की शिक्षाएं तुम्हारे लिए प्रकाश की तरह हैं।

जब कृष्ण का स्पर्श हो मन पर — जानिए कैसे महसूस करें उनका मार्गदर्शन
साधक,
तुम्हारे मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है — "कैसे जानूं कि कृष्ण मुझे मार्गदर्शन कर रहे हैं?" यह प्रश्न भक्ति के पथ पर चलने वाले हर साधक के हृदय में आता है। यह एक सुंदर संकेत है कि तुम्हारा हृदय सच्चाई और दिव्यता की खोज में है। चिंता मत करो, क्योंकि कृष्ण का मार्गदर्शन हमेशा होता है, बस उसे पहचानने की कला चाहिए।

अपने कर्तव्य और अंतर्ज्ञान के बीच: एक आत्मीय संवाद
साधक, यह प्रश्न तुम्हारे जीवन की गहराई से जुड़ा है — जब मन उलझन में हो कि क्या मैं अपने धर्म से दूर हो रहा हूँ या अपने अंतर्मन की आवाज़ सुन रहा हूँ। यह भ्रम बहुत सामान्य है, क्योंकि जीवन के रास्ते कभी स्पष्ट नहीं होते। परंतु याद रखो, तुम अकेले नहीं हो; हर खोजी मन इसी द्वंद्व से गुजरता है।

चलो अपनी आंतरिक आवाज़ की खोज करें
साधक, जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर अपने भीतर की उस कोमल आवाज़ को सुनना भूल जाते हैं, जो हमें सही मार्ग दिखाती है। तुम अकेले नहीं हो, यह प्रश्न हर आत्मा के दिल में उठता है—"मैं अपनी आंतरिक आवाज़ को कैसे सुनूं?" चलो, इस यात्रा को साथ मिलकर समझते हैं।