नई राहों पर कदम: जब जीवन की भूमिकाएँ बदलती हैं
साधक, जब जीवन की भूमिकाएँ अचानक बदलती हैं, तो मन में असमंजस, भय और पहचान की उलझन स्वाभाविक है। तुम अकेले नहीं हो। हर परिवर्तन के पीछे एक नई सीख और एक नई शुरुआत छिपी होती है। भगवद गीता हमें इस अनिश्चितता में भी स्थिरता और आत्म-विश्वास की राह दिखाती है।