अंधकार से उजाले की ओर: नकारात्मकता और आत्म-आलोचना को पार करने का मार्ग
साधक, जब मन के भीतर नकारात्मकता और कठोर आत्म-आलोचक की आवाज़ गूंजने लगती है, तब ऐसा लगता है जैसे हम एक अंधकारमय भूलभुलैया में फंस गए हों। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर मानव के मन में यह संघर्ष होता है, और भगवद गीता ने हमें इस अंधकार से बाहर निकलने का दिव्य मार्ग दिखाया है।