चलो यहाँ से शुरू करें: जब दिशा नहीं दिखती, तो कदम बढ़ाना ज़रूरी है
प्रिय मित्र, यह सवाल बहुत गहरा है और हर किसी के जीवन में कभी न कभी आता है। जब हम खुद से पूछते हैं, "मैं कौन हूँ? मैं क्या बनना चाहता हूँ?" और जवाब नहीं मिल पाता, तो यह उलझन और असमंजस का समय होता है। जान लीजिए, आप अकेले नहीं हैं। यह खोज का सफर है, जो आपके भीतर की आत्मा को जागृत करता है।