अराजकता के बीच भी स्थिरता की ओर कदम
साधक, जब चारों ओर अराजकता हो, तब मन और कर्म को एकाग्र करना अत्यंत कठिन लगता है। परन्तु याद रखो, सच्चा नेतृत्व और जिम्मेदारी तभी निखरती है जब तू स्वयं में शांति और दृढ़ता बनाए रखता है। तुम अकेले नहीं हो, हर महान व्यक्ति ने इसी तूफान में अपनी नाव को सही दिशा दी है। चलो, इस राह पर साथ चलें।