chaos

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

अराजकता के बीच भी स्थिरता की ओर कदम
साधक, जब चारों ओर अराजकता हो, तब मन और कर्म को एकाग्र करना अत्यंत कठिन लगता है। परन्तु याद रखो, सच्चा नेतृत्व और जिम्मेदारी तभी निखरती है जब तू स्वयं में शांति और दृढ़ता बनाए रखता है। तुम अकेले नहीं हो, हर महान व्यक्ति ने इसी तूफान में अपनी नाव को सही दिशा दी है। चलो, इस राह पर साथ चलें।

डिजिटल तूफान में शांति की खोज: तुम अकेले नहीं हो
आज के इस डिजिटल युग में, सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को जोड़ने के साथ-साथ हमारे मन को भी कई बार उलझनों में डाल दिया है। जब मन उथल-पुथल में हो, तब यह समझना जरूरी है कि यह अनुभव तुम्हारे अकेले नहीं है। हर दिल में कभी न कभी यह भाव आता है। आइए, हम भगवद गीता की अमूल्य शिक्षाओं के सहारे इस मानसिक जद्दोजहद से पार पाने का मार्ग खोजें।

मन की हलचल में शांति की खोज: आंतरिक शोर को कैसे शांत करें?
साधक, मैं समझता हूँ कि जब मन में उथल-पुथल हो, जब विचारों का शोर मस्तिष्क को घेरा हो, तो शांति की खोज कठिन लगती है। तुम अकेले नहीं हो। यह संघर्ष हर मानव के जीवन में आता है। चलो, गीता के अमृत शब्दों से इस आंतरिक तूफान को शांत करने का मार्ग खोजते हैं।

जीवन के तूफानों में उद्देश्य की लौ जलाए रखना
साधक, जब जीवन की अराजकता और भ्रम की लहरें हमें घेर लेती हैं, तब अपने उद्देश्य से जुड़े रहना कठिन लगता है। पर याद रखो, अंधकार चाहे कितना भी घना हो, एक दीपक की लौ उसे चीर सकती है। तुम्हारे भीतर वह दीपक है — तुम्हारा उद्देश्य। आइए, भगवद गीता के अमृत शब्दों से उस दीपक को प्रज्वलित करें।