impermanence

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Karma Cycles & Life Challenges

पीड़ा की अस्थायी छाया: चलो इस सत्य को समझें
साधक, जब जीवन में पीड़ा आती है, तो वह कभी-कभी हमें ऐसा महसूस कराती है जैसे वह अनंत काल तक रहेगी। परंतु भगवद गीता हमें सिखाती है कि यह पीड़ा अस्थायी है, जैसे बादल आकाश में छा जाते हैं, पर सूरज फिर भी चमकता रहता है। यह समझना ही पहला कदम है उस शांति की ओर, जो हर पीड़ा के पार है।

🌅 जीवन की अनित्यता: एक नई शुरुआत की ओर
साधक, जीवन की अनित्यता का विचार हमारे मन को अक्सर बेचैन कर देता है। यह सत्य है कि सब कुछ क्षणभंगुर है—हमारे सुख, दुःख, रिश्ते, यहाँ तक कि हमारा स्वयं का अस्तित्व भी। परंतु, इस सत्य को स्वीकार कर पाना ही जीवन की गहराई को समझने की पहली सीढ़ी है। तुम अकेले नहीं हो, यह अनुभव हम सभी के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है। आइए, मिलकर इस अनित्यता को समझें और उससे मित्रता करें।

जीवन की अनित्य लहरों में स्थिरता की खोज
साधक, जीवन की इस अनित्य यात्रा में जब हम मृत्यु, क्षय और विदा के क्षणों से गुजरते हैं, तब मन में गहरा शून्य और बेचैनी उत्पन्न होती है। तुम्हारा यह प्रश्न—जीवन के अनित्यत्व का क्या संदेश है—वह तुम्हारे भीतर की गहराई से उठती हुई एक पुकार है। यह समझना आवश्यक है कि मृत्यु और परिवर्तन जीवन के अविभाज्य अंग हैं, और इन्हीं के बीच स्थिरता का अनुभव ही सच्ची मुक्ति है। चलो, भगवद गीता के शब्दों से इस रहस्य को समझते हैं।