पीड़ा की अस्थायी छाया: चलो इस सत्य को समझें
साधक, जब जीवन में पीड़ा आती है, तो वह कभी-कभी हमें ऐसा महसूस कराती है जैसे वह अनंत काल तक रहेगी। परंतु भगवद गीता हमें सिखाती है कि यह पीड़ा अस्थायी है, जैसे बादल आकाश में छा जाते हैं, पर सूरज फिर भी चमकता रहता है। यह समझना ही पहला कदम है उस शांति की ओर, जो हर पीड़ा के पार है।