जीवन के अनित्य रंगों में शांति की खोज: शोक के समय गीता का सहारा
साधक, जब हम किसी प्रिय को खोते हैं, तो मन एक तूफान में फंसा सा लगता है। दुःख की लहरें हमें घेर लेती हैं, और जीवन की अनिश्चितता का भय मन को घेर लेता है। ऐसी घड़ी में भगवद गीता की बुद्धिमत्ता हमारे लिए एक प्रकाशस्तंभ बन सकती है, जो हमें शोक की प्रक्रिया में सहारा देती है और जीवन के गूढ़ सत्य से परिचित कराती है।