त्याग का सच्चा अर्थ: एक आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत
साधक,
जब मन में प्रश्न उठता है कि "त्याग क्या है?"—तो समझो, यह तुम्हारे भीतर की गहराई से जुड़ने की पुकार है। कृष्ण जी का त्याग केवल वस्तुओं या कर्मों का त्याग नहीं, बल्कि मन और इच्छाओं का परिपक्व और सशक्त त्याग है। तुम अकेले नहीं हो इस खोज में, क्योंकि हर आत्मा को यह समझना होता है कि सच्चा त्याग कैसे होता है।