इच्छाओं के जाल से मुक्त होने का पहला कदम
प्रिय मित्र, यह प्रश्न आपके भीतर की गहराई और सचेत इच्छा को दर्शाता है। हम अक्सर अपनी इच्छाओं के साथ इतने जुड़ जाते हैं कि वे हमारी पहचान बन जाती हैं। परंतु यही जुड़ाव हमें बंधन में बांधता है। चलिए, हम भगवद गीता के अमर शब्दों में इस उलझन का समाधान खोजते हैं।