थकान के बाद भी उम्मीद की किरण है
साधक, जब मन थक जाता है और शरीर बोझिल हो उठता है, तब यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि तुम अकेले नहीं हो। जीवन की दौड़ में यह मानसिक थकान या बर्नआउट एक संकेत है, जो तुम्हें अपने भीतर झांकने और पुनः ऊर्जा संचित करने का अवसर देता है। चलो, भगवद गीता के अमूल्य शब्दों के माध्यम से इस स्थिति से बाहर निकलने का मार्ग खोजते हैं।