fatigue

Mind Emotions & Self Mastery
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Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

थकान के बाद भी उम्मीद की किरण है
साधक, जब मन थक जाता है और शरीर बोझिल हो उठता है, तब यह समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि तुम अकेले नहीं हो। जीवन की दौड़ में यह मानसिक थकान या बर्नआउट एक संकेत है, जो तुम्हें अपने भीतर झांकने और पुनः ऊर्जा संचित करने का अवसर देता है। चलो, भगवद गीता के अमूल्य शब्दों के माध्यम से इस स्थिति से बाहर निकलने का मार्ग खोजते हैं।

थकान के बादल से निकलो — मन को फिर से तरोताजा करने का आह्वान
साधक, जब मन थक जाता है, तो जीवन के रंग फीके लगने लगते हैं। यह स्वाभाविक है कि कभी-कभी हम मानसिक रूप से drained महसूस करें। परंतु याद रखो, यह अंत नहीं, एक नया आरंभ है। भगवद गीता के अमर श्लोकों में तुम्हारे लिए ऐसी ऊर्जा छुपी है, जो तुम्हें फिर से उठने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी।

🕉️ शाश्वत श्लोक

श्लोक:

योगस्थः कुरु कर्माणि सङ्गं त्यक्त्वा धनञ्जय।
सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते॥

(अध्याय 2, श्लोक 48)