कर्म का फल छोड़, कर्म में लीन रहो
प्रिय शिष्य, जब तुम परिणाम की चिंता में फंस जाते हो, तो मन बेचैन और भ्रमित हो जाता है। यह एक सामान्य मानवीय स्थिति है, परंतु भगवद् गीता हमें सिखाती है कि सच्चा सुख और शांति कर्म के फल की चिंता छोड़, कर्म में लगने से ही आता है। आइए, इस पथ पर चलना सीखें।