self-sabotage

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

आत्म-नुकसान से मुक्त होने की ओर पहला कदम: तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि जब हम अपने ही व्यवहार से खुद को नुकसान पहुँचाते हैं, तो यह हमारी कमजोरी नहीं बल्कि एक संघर्ष है। सचेतनता की ज्योति में हम इस अंधकार को पहचान सकते हैं और उससे बाहर निकलने का मार्ग बना सकते हैं। तुम अकेले नहीं हो, और यह लड़ाई जितनी कठिन लगती है, उतनी ही जीत भी तुम्हारे भीतर है।

आत्म-नुकसान और अपराधबोध के चक्र से मुक्ति: चलो शांति की ओर कदम बढ़ाएं
प्रिय आत्मा, मैं जानता हूँ कि जब हम अपने कर्मों या विचारों को लेकर अपराधबोध महसूस करते हैं, तो मन एक दुष्चक्र में फंस जाता है। ऐसा लगता है जैसे हम खुद को सजा दे रहे हों और आगे बढ़ने का साहस खो देते हैं। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर मानव के जीवन में यह अनुभव आता है। आइए, भगवद गीता के अमृत श्लोकों से इस चक्र को तोड़ने का मार्ग देखें।