आत्म-नुकसान से मुक्त होने की ओर पहला कदम: तुम अकेले नहीं हो
साधक, यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि जब हम अपने ही व्यवहार से खुद को नुकसान पहुँचाते हैं, तो यह हमारी कमजोरी नहीं बल्कि एक संघर्ष है। सचेतनता की ज्योति में हम इस अंधकार को पहचान सकते हैं और उससे बाहर निकलने का मार्ग बना सकते हैं। तुम अकेले नहीं हो, और यह लड़ाई जितनी कठिन लगती है, उतनी ही जीत भी तुम्हारे भीतर है।