भक्ति के बिना आध्यात्मिकता — क्या संभव है?
साधक,
तुम्हारे मन में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है। आध्यात्मिकता की राह पर चलना एक गहन अनुभव है, और भक्ति का स्थान उससे अलग नहीं है। यह समझना जरूरी है कि भक्ति केवल एक विधि नहीं, बल्कि आत्मा का भगवान के प्रति प्रेमपूर्ण समर्पण है। चलो, मिलकर इस प्रश्न का उत्तर भगवद गीता के प्रकाश में खोजते हैं।