हर भक्ति को स्वीकार करने वाले कृष्ण का प्रेम
साधक, जब तुम्हारे मन में यह सवाल उठता है कि "कृष्ण क्यों कहते हैं कि वे सभी प्रकार की पूजा स्वीकार करते हैं?", तो समझो कि यह उनकी अपार दया, प्रेम और समभाव का परिचायक है। वे हर उस हृदय की पुकार सुनते हैं जो सच्चे मन से उनसे जुड़ना चाहता है, चाहे वह भक्ति किसी भी रूप में क्यों न हो।