भक्ति की राह पर: सच्चे भक्त की पहचान
साधक,
जब मन भक्ति की ओर झुका हो, तो यह समझना अत्यंत आवश्यक है कि सच्चा भक्त कौन होता है। यह कोई दिखावा नहीं, कोई बाहरी आभूषण नहीं, बल्कि वह आत्मा का वह स्वरूप है जो प्रेम, समर्पण और निश्चल विश्वास से परिपूर्ण होता है। तुम अकेले नहीं हो इस खोज में, हर सच्चा भक्त इसी प्रश्न के साथ चलता है। चलो, भगवद गीता के अमृत शब्दों से इस रहस्य को समझते हैं।