🌸 कर्म के फलों का त्याग: भक्ति के मार्ग की पहली सीढ़ी
साधक, जब हम भक्ति और समर्पण की बात करते हैं, तो कर्म के फल की इच्छा से मुक्त होना सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। यह त्याग तुम्हें भीतर से स्वतंत्र बनाता है और परमात्मा के प्रति पूर्ण समर्पण की ओर ले जाता है। चिंता मत करो, यह आसान नहीं है, परंतु गीता तुम्हारे लिए प्रकाश का स्रोत है।