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Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

सुबह की पहली किरण: शांति और स्फूर्ति का संगम
प्रिय साधक, तुम्हारा यह प्रश्न बहुत ही सार्थक और जीवन में अनुशासन तथा आध्यात्मिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। ध्यान और शास्त्र-पठन के लिए सही समय का चयन केवल एक बाहरी क्रिया नहीं, बल्कि मन और आत्मा की स्थिति को भी संतुलित करता है। चलो, इस यात्रा को भगवद गीता के अमृत श्लोकों से समझते हैं।

समय की लहरों में समर्पण: कृष्ण की योजना पर विश्वास का मार्ग
साधक,
जब जीवन की घड़ी की सुई अपने अनोखे ढंग से घूमती है, और हमें समझ नहीं आता कि कब, क्या और कैसे होगा, तब मन बेचैन हो उठता है। तुम्हारे भीतर जो सवाल उठ रहे हैं — "दिव्य समय को कैसे स्वीकार करूँ? कृष्ण की योजना पर विश्वास कैसे करूँ?" — वे बहुत ही मानवीय हैं। यह समझो कि तुम अकेले नहीं, हर भक्त इसी यात्रा में है। आइए, गीता के प्रकाश में इस उलझन को सुलझाएं।