कर्म और धर्म का संगम: जीवन का सच्चा सार
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न अत्यंत महत्वपूर्ण है। कर्म और धर्म का संबंध समझना, जीवन की जटिलताओं में एक प्रकाश स्तंभ की तरह है। जब कर्म धर्म के अनुरूप होते हैं, तभी वे हमारे जीवन को सार्थकता और शांति प्रदान करते हैं। चलो, इस गूढ़ विषय को गीता के अमृत शब्दों से समझते हैं।