कर्म और कर्मफल: समझ की पहली किरण
साधक, जीवन के इस रहस्यमय सफर में जब कर्म और उसके फल की बात आती है, तो मन में कई प्रश्न उठते हैं। कभी-कभी हम अपने कर्मों को लेकर उलझन में पड़ जाते हैं—क्या हमारे कर्म सच में हमारे जीवन को आकार देते हैं? क्या कर्मफल हमारा भाग्य है या हम उसे बदल सकते हैं? आइए, इस भ्रम को भगवद गीता की दिव्य दृष्टि से समझें।
🕉️ शाश्वत श्लोक
कर्मफल और कर्म के भेद को समझाने वाला श्लोक: