कर्म के महासागर में जागरूकता की नाव
साधक, जब तुम आध्यात्मिक जागरूकता के साथ कर्म करना चाहते हो, तो यह समझना अत्यंत आवश्यक है कि कर्म केवल बाहरी क्रिया नहीं, बल्कि आंतरिक चेतना का प्रतिबिंब है। तुम्हारा मन, बुद्धि और आत्मा जब एक साथ मिलकर कर्म करते हैं, तभी वह फलदायी और मुक्तिदायक होता है। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो इस मार्ग पर। चलो, गीता के दिव्य प्रकाश में इस रहस्य को समझते हैं।