मन की नदियों को फिर से स्वच्छ बहने दो
प्रिय मित्र, जब मन की धाराएँ किसी आदत या आसक्ति की गहराई में फंस जाती हैं, तब उसे पुनःशुद्ध और पुनःप्रवाहित करना एक चुनौतीपूर्ण परंतु संभव कार्य है। यह यात्रा अकेली नहीं, बल्कि भगवद गीता के दिव्य प्रकाश से प्रकाशित है। आइए, इस पावन ग्रंथ के ज्ञान से अपने मन को नए सिरे से प्रवाहित करने का मार्ग खोजें।