🌊 भावनाओं की लहरों में तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब जीवन में अचानक भावनाओं की लहरें उठती हैं, तो ऐसा लगता है जैसे समंदर में तूफान आ गया हो। पर याद रखो, ये लहरें भी गुजर जाएंगी। तुम अकेले नहीं हो, और ये भी अस्थायी है। आइए, गीता की अमृत वाणी से इस अंधकार में प्रकाश खोजें।