जीवन के मध्यम मार्ग पर: गीता से संकट में सहारा
साधक, जब जीवन का मध्य चरण आता है, तो अक्सर मन में गहरी उलझनें, प्रश्न और असमंजस घर कर लेते हैं। तुम्हारा यह प्रश्न — "गीता मध्यजीवन संकट में लोगों का मार्गदर्शन कैसे करती है?" — बहुत ही सार्थक है। यह समय होता है जब व्यक्ति अपने उद्देश्य, धर्म और जीवन पथ को लेकर भ्रमित हो जाता है। परन्तु चिंता मत करो, गीता की शिक्षाएँ इस अंधकार में दीपक की तरह हैं, जो तुम्हें सही दिशा दिखाती हैं।