अपनी रुचियों को आध्यात्मिकता के साथ जोड़ना: एक सुंदर संगम
प्रिय शिष्य,
जब हम अपने शौक और आध्यात्मिक विकास को साथ लेकर चलना चाहते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि दोनों के बीच कोई विरोध नहीं, बल्कि एक गहरा मेल हो सकता है। तुम्हारा मन जो कुछ भी पसंद करता है, वह तुम्हारे भीतर की ऊर्जा का प्रतिबिंब है। आइए, इस यात्रा में गीता के प्रकाश से मार्गदर्शन पाते हैं।