अंधकार में भी दीप जलाना: जब जीवन लगे अन्यायपूर्ण
प्रिय शिष्य, जब जीवन की राहें कठोर और अन्यायपूर्ण लगने लगें, तब मन में उठने वाले सवाल और पीड़ा स्वाभाविक है। तुम्हारा यह अनुभव तुम्हें अकेला नहीं करता, बल्कि यह जीवन की गहराई को समझने का पहला कदम है। चलो, मिलकर उस प्रक्रिया को समझते हैं, जिस पर भरोसा रखकर तुम अपने मन को शांति और शक्ति दे सकते हो।