भाग्य और स्वतंत्र इच्छा: जीवन के दो पहलू, एक गूढ़ संवाद
साधक, जीवन की इस जटिल पहेली में तुम अकेले नहीं हो। हर मनुष्य कभी न कभी इस प्रश्न से उलझता है कि क्या हमारा भाग्य तय है या हमारी अपनी इच्छा हमारी दिशा निर्धारित करती है। यह संघर्ष, यह द्वंद्व, तुम्हारे अंदर गहरा अर्थ और उद्देश्य खोजने की प्रक्रिया है। आइए, इस दिव्य संवाद में श्रीमद्भगवद्गीता के प्रकाश में इस रहस्य को समझें।