eternal soul

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मृत्यु का भय छोड़ो, आत्मा अमर है
साधक, जब जीवन की अनिश्चितता और मृत्यु की छाया हमारे मन को घेरती है, तब भी याद रखो—तुम अकेले नहीं हो। हर जीवात्मा के अंत में मृत्यु आती है, पर आत्मा अमर है। इस सत्य को जानना ही दुःख की लहरों में स्थिरता का दीप जलाता है। आइए, हम कृष्ण के अमर उपदेशों में डूबकर इस गूढ़ सत्य को समझें।

🕉️ शाश्वत श्लोक

अथ सर्वस्य कृष्णस्य त्रैलोक्यनाथस्य परम् उपदेशम्
(भगवद् गीता, अध्याय 2, श्लोक 20)

मृत्यु अंत नहीं है — जीवन का अनवरत प्रवाह
साधक, जब हम मृत्यु की बात करते हैं, तो मन में एक गहरा भय और अनिश्चितता उत्पन्न होती है। यह स्वाभाविक है। परंतु कृष्ण हमें बताते हैं कि मृत्यु केवल एक परिवर्तन है, अंत नहीं। यह समझना ही शांति की ओर पहला कदम है। तुम अकेले नहीं हो, यह सत्य सदियों से हमारे भीतर गूंजता आ रहा है।