जीवन की अनित्यता से मिलो, अकेले नहीं हो
साधक, जब अचानक किसी अपने का जाना होता है, तो मन गहरे दुःख और असमंजस में डूब जाता है। यह अनुभव बहुत भारी होता है, और ऐसा लगता है जैसे जीवन ठहर गया हो। परन्तु जीवन की यह अनित्य प्रकृति ही हमें गीता में गहरा ज्ञान देती है। आइए, श्रीकृष्ण के अमर वचनों से इस पीड़ा को समझने और सहने का मार्ग खोजें।