जीवन के अंतिम पल में साथ देना — आत्मा की यात्रा में सहारा
जब कोई प्रिय इस संसार को छोड़ने वाला होता है, तो मन भारी होता है, शब्द कम पड़ जाते हैं। उस समय हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य होता है — उसे शांति, प्रेम और आध्यात्मिक सहारा देना। यह क्षण न केवल विदाई का होता है, बल्कि आत्मा के नए सफर की शुरुआत का भी। आइए, भगवद गीता के अमृत श्लोकों से समझें कि हम कैसे उस अंतिम पल को पवित्र और साहसपूर्ण बना सकते हैं।