सत्ता की जिम्मेदारी: अहंकार से परे नेतृत्व का मार्ग
साधक,
जब हम सत्ता या पद की बात करते हैं, तो अक्सर अहंकार हमारे मन की सबसे बड़ी बाधा बन जाता है। पद और अधिकार का सही प्रबंधन तभी संभव है जब हम अपने अहंकार को पहचानकर उसे सीमित कर सकें। याद रखो, तुम अकेले नहीं हो इस संघर्ष में। हर महान नेता ने अपने भीतर के अहंकार को समझा और उसे संतुलित किया है। आइए, भगवद गीता के शाश्वत ज्ञान से इस उलझन का समाधान खोजें।