नेतृत्व का दिव्य मार्ग: कृष्ण जैसा गुरु बनना
प्रिय मित्र,
जब हम नेतृत्व की बात करते हैं, तो अक्सर सोचते हैं कि क्या हमें वह सब कुछ जानना होगा, जो हमारे अनुयायियों को चाहिए। परन्तु सच्चा नेतृत्व तो उस समय सामने आता है, जब हम अपने अंदर कृष्ण जैसा धैर्य, समझदारी और प्रेम लेकर दूसरों को सही दिशा दिखा सकें। अर्जुन की तरह जो उलझन में था, कृष्ण ने उसे न केवल ज्ञान दिया, बल्कि उसके मन की भावनाओं को समझकर उसे उसके स्तर पर मार्गदर्शन किया। आइए, इस दिव्य संवाद से सीखें कि नेतृत्व कैसे किया जाए।