अगली पीढ़ी के नेताओं के लिए प्रेम और दायित्व का संचार
साधक, यह प्रश्न आपके हृदय की गहराई से निकली एक महान चिंता है — भविष्य के लिए जिम्मेदारी और नेतृत्व की भूमिका निभाने वालों को तैयार करना। यह केवल एक कार्य नहीं, बल्कि एक पवित्र दायित्व है। तुम अकेले नहीं हो इस यात्रा में, क्योंकि हर युग में गुरु-शिष्य का यह बंधन चला आ रहा है।