influence

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

साथियों की छाया में: जब दोस्त बुरी आदतों की ओर ले जाएं
साधक, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि जीवन में हम जिनके साथ समय बिताते हैं, उनका प्रभाव हमारे विचारों और कर्मों पर गहरा पड़ता है। जब दोस्त बुरी आदतों को बढ़ावा देते हैं, तो यह मन को उलझन और पीड़ा में डाल सकता है। पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो — हर व्यक्ति को कभी न कभी ऐसे अनुभवों का सामना करना पड़ता है। आइए, भगवद गीता की अमृत वाणी से इस समस्या का समाधान खोजें।

नकारात्मकता की छाया से निकलकर उज्जवल भविष्य की ओर
प्रिय युवा मित्र,
स्कूल या कॉलेज में नकारात्मक प्रभावों का सामना करना स्वाभाविक है, पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर छात्र-युवक के जीवन में ऐसी चुनौतियाँ आती हैं, जो हमें कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनाती हैं। आइए, भगवद गीता के अमूल्य संदेशों से इस उलझन का समाधान खोजें।

दबाव के बीच भी तुम अकेले नहीं हो — गीता का स्नेहिल संदेश
प्रिय युवा, जीवन में जब समानवर्गीय दबाव या peer pressure का सामना होता है, तो तुम्हारा मन घबराता है, असमंजस में पड़ जाता है, और कभी-कभी लगता है कि तुम अकेले हो। परंतु याद रखो, यह संघर्ष हर किसी के जीवन का हिस्सा है। भगवद गीता में हमें ऐसे समय के लिए गहरा, स्थिर और प्रेमपूर्ण मार्गदर्शन मिलता है, जो तुम्हारे भीतर की शक्ति को जागृत करता है।

नैतिकता की लौ: भ्रष्ट प्रणाली में भी उजियारा कर सकते हैं
साधक, जब आप एक ऐसी व्यवस्था में खड़े होते हैं जहाँ भ्रष्टाचार का अंधेरा छाया हो, तब आपका मन विचलित और असहाय महसूस कर सकता है। यह सच है कि भ्रष्ट प्रणाली में नैतिकता निभाना कठिन होता है, पर याद रखें — एक दीपक हजारों अंधेरों को मिटा सकता है। आप अकेले नहीं हैं, और आपका प्रयास बदलाव की शुरुआत हो सकता है।