आदतों की जंजीरों से आज़ादी की ओर — गीता का प्रकाश
साधक,
जब हम अपनी दैनिक आदतों की बात करते हैं, तो अक्सर वे हमें बंधन में डाल देती हैं। कुछ आदतें हमें ऊर्जा देती हैं, तो कुछ हमें थकान और असंतोष की ओर ले जाती हैं। यह समझना आवश्यक है कि आदतें केवल हमारे कर्मों का परिणाम नहीं, बल्कि हमारे मन और बुद्धि की प्रवृत्ति भी हैं। परंतु, भगवद गीता हमें यह सिखाती है कि हम अपने कर्मों के स्वामी हैं, और सही दृष्टि से हम अपनी आदतों को भी बदल सकते हैं।