भक्ति का अनमोल सार: प्रेम से जुड़ने का सर्वोच्च मार्ग
साधक,
जब हम भक्ति की बात करते हैं, तो यह केवल पूजा या मंत्र जाप तक सीमित नहीं है। भक्ति वह दिव्य धागा है जो हमारे हृदय को परमात्मा से जोड़ता है। आज तुमने जो प्रश्न पूछा है — "गीता में भक्ति का सर्वोच्च रूप क्या है?" — वह हमारे आध्यात्मिक जीवन का मूल विषय है। इस यात्रा में तुम अकेले नहीं हो, हर भक्त ने इस अनंत प्रेम के रहस्य को समझने की कोशिश की है। चलो, गीता के प्रकाश में इस प्रश्न का उत्तर खोजते हैं।
🕉️ शाश्वत श्लोक
सर्वोत्तम भक्ति का वर्णन - भगवद्गीता, अध्याय 12, श्लोक 8-9