त्याग की राह: जब मन लगे बिना बंधे रहना सीखें
साधक, जीवन में जब हम किसी वस्तु, स्थिति या भावना से बंधे होते हैं, तो मन अशांत रहता है। त्याग और वैराग्य का अर्थ है बिना तनाव के, बिना आसक्ति के, अपने कर्म करते रहना। यह कोई हार नहीं, बल्कि आत्मा की स्वतंत्रता की ओर पहला कदम है। तुम अकेले नहीं हो, यह संघर्ष हर मनुष्य के जीवन में आता है। आइए, गीता के प्रकाश से इस रहस्य को समझें।