आत्मा की अनंत यात्रा: कृष्ण से अर्जुन तक का संवाद
प्रिय शिष्य, तुम उस गहन प्रश्न के साथ आए हो जो हर मानव के अंतर्मन की गहराइयों में छिपा होता है — "मैं कौन हूँ?" और "मेरा असली स्वरूप क्या है?" यह प्रश्न तुम्हें भ्रमित कर सकता है, पर जान लो, तुम अकेले नहीं हो। स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन के मन की इसी उलझन को दूर किया था। चलो, उनके दिव्य संवाद से हम भी आत्म-ज्ञान की ओर कदम बढ़ाते हैं।