अहंकार की जंजीरों से मुक्त होने का मार्ग
साधक,
तुम्हारा यह प्रश्न बहुत गहरा है। अहंकार वह परछाई है जो हमें हमारे सच्चे स्वरूप से दूर कर देती है। आध्यात्मिक विकास का मार्ग तभी सुगम होता है जब हम अपने अहंकार को समझकर उसे पार कर जाते हैं। चिंता मत करो, तुम अकेले नहीं हो; हर आत्मा इस संघर्ष से गुजरती है। चलो, भगवद गीता की दिव्य वाणी से इस रहस्य को समझते हैं।