"मैं कर्ता नहीं, केवल साधन हूँ" — अहंकार से आत्मा की ओर पहला कदम
साधक,
तुम्हारे मन में जो यह प्रश्न उठ रहा है, वह आध्यात्मिक यात्रा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ है। "मैं कर्ता हूँ" का अहंकार छोड़कर "मैं साधन हूँ" की अनुभूति तक पहुँचना, स्वयं की पहचान को एक गहराई और व्यापकता देने जैसा है। यह परिवर्तन तुम्हारे भीतर की उलझनों को सुलझाने और शांति की ओर बढ़ने का पहला कदम है।