विश्वास की डोर थामो: अनिश्चितता में भी कदम बढ़ाओ
साधक, जब जीवन की राहें धुंधली हों, और परिणाम अज्ञात लगें, तब मन में संशय और भय जन्म लेते हैं। यह स्वाभाविक है। परंतु याद रखो, निर्णय लेना जीवन की कला है, और उस कला में विश्वास ही सबसे बड़ा साथी है। तुम अकेले नहीं हो इस अनिश्चितता के सागर में — गीता तुम्हें उस विश्वास का दीपक दिखाती है।