sadness

Mind Emotions & Self Mastery
Life Purpose, Work & Wisdom
Relationships & Connection
Devotion & Spritual Practice
Karma Cycles & Life Challenges

अंधकार में भी उजाले का स्वागत करें
साधक, जब मन के भीतर गहरे दुख और अंधकार छा जाता है, तो उसे लड़ना या भागना स्वाभाविक लगता है। पर क्या कभी आपने सोचा है कि अपने दुख को स्वीकार करना, उसके साथ मिलकर चलना, उससे लड़ने से कहीं अधिक साहसिक और मुक्तिदायक होता है? आइए, गीता के अमर शब्दों में इस रहस्य को समझें।

उदासी के सागर में अकेले नहीं: चलो साथ चलें
प्रिय मित्र, जब मन गहरी उदासी के बादल से घिरा हो, तो यह समझना जरूरी है कि तुम अकेले नहीं हो। यह भावनाएँ मानव होने का हिस्सा हैं, और इन्हें दबाना नहीं, समझना और सहारा देना ही वास्तविक उपचार है। चलो इस यात्रा में कुछ प्रकाश की किरणें खोजें।

अंधकार से उजाले की ओर: तुम अकेले नहीं हो
साधक, जब मन गहरी उदासी और खालीपन से घिरा होता है, तो ऐसा लगता है जैसे जीवन ने अपना रंग खो दिया हो। पर याद रखो, यह अनुभव मानव होने का एक हिस्सा है, और इससे बाहर निकलने का रास्ता भी भीतर ही छुपा है। तुम अकेले नहीं हो, यह अंधेरा भी बीत जाएगा।