चलो यहाँ से शुरू करें: विषाक्त यादों को छोड़ने का पहला कदम
साधक, मैं जानता हूँ कि तुम्हारे मन में वह याद बार-बार दस्तक देती है, जैसे कोई अनचाहा मेहमान जो जाने का नाम नहीं लेता। यह दर्द और बेचैनी तुम्हें थका देती है, पर याद रखो, तुम अकेले नहीं हो। हर कोई अपने जीवन में ऐसी यादों से जूझता है। आज हम भगवद गीता की दिव्य शिक्षाओं के माध्यम से उस बोझ को हल्का करने का मार्ग खोजेंगे।