जब आत्मा सूनी लगे: भावनात्मक मृत्यु से उठने का रास्ता
साधक,
तुम्हारा मन जब अंदर से सूना और मृत सा महसूस करता है, तो समझो कि यह भी जीवन का एक हिस्सा है। यह अंधेरा अस्थायी है, और इसके पीछे छिपी हुई रोशनी को पहचानना ही गीता का संदेश है। तुम अकेले नहीं हो, हर किसी के मन में कभी न कभी यह भाव आता है। चलो, मिलकर इस अंधकार से बाहर निकलने का मार्ग खोजते हैं।