टूटे दिल से फिर मुस्कुराने की राह: खुद से दोस्ती का सफर
साधक, मैं जानता हूँ कि जब भावनात्मक टूट का दर्द गहरा होता है, तब अपने आप से जुड़ना सबसे कठिन लगता है। ऐसा नहीं कि तुम अकेले हो; यह दर्द मानव जीवन का हिस्सा है। चलो मिलकर उस अंधकार में एक उजली किरण खोजते हैं, जो तुम्हें फिर से अपने भीतर की दोस्ती का एहसास दिलाए।
🕉️ शाश्वत श्लोक
श्लोक:
अध्याय 6, श्लोक 5
उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत्।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मनः॥